■बाहुबली-2 ( एक बदलाव)■
बाहुबली नाम सुनते ही एक उमंग और एक नयी दुनिया "माहिष्मति" का दृश्य सामने आ जाता है, ये दुनिया बनाने में कितनी लगन और मेहनत लगी है ये बाहुबली टीम ही बखूबी समझा सकती है हम तो बस अंदाज़ा ही लगा सकते हैं। 5-6 साल की मेहनत को हमने 6 घण्टों में समेट लिया और एक उम्मीद लिये वापस सिनेमाघरों से लौटे।
वो उम्मीद ये थी कि शायद बाहुबली ने भारतीय फ़िल्म जगत को एक नयी उम्मीद दी हो, शायद एक क्रांति लायी हो।
हमें ये याद रखना चाहिए ये फ़िल्म दक्षिण भारतीय फ़िल्म का हिस्सा है,
जिसने हिन्दी भाषा में भीे धमाल मचा रखा है अभी तक के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिये और नये रिकॉर्ड कायम कर रही है।
ऐसा नहीं ये एक तुक्का या सिर्फ किसी योजना की देन थी, बल्कि ये एक अच्छे कंटेंट और एक प्रबल सोच की देन है।
जिसे राजामौली और उनकी टीम ने बखूबी अंजाम दिया।
आश्चर्यजनक दृश्य सोचना और उसे पर्दे पर उतारना एक प्रखर सोच वाले इंसान की ही हो सकती है।
और अब बात हमारे हिंदी फ़िल्म जगत पर बाहुबली के प्रभाव के बारे में, क्योंकि ये बहुत मायने रखता है।
हिंदी फ़िल्म जगत में बड़े बड़े प्रोजेक्ट औंधे मुँह गिर जाते है, वजह होती है अच्छा कंटेंट, अच्छी कहानी का न होना।
इस देश में बहुत अच्छी-अच्छी फिल्मों का विभिन्न भाषाओं में निर्माण होता है,लेकिन अधिकांश फिल्में दर्शकों के बीच पहुँच ही नहीं पाती।
अब वक़्त आ गया है भारतीय फ़िल्म जगत को एकजुट होकर अच्छे प्रोजेक्ट पर काम करने में झिझक नहीं दिखानी चाहिये।
हिन्दी फ़िल्म जगत में पैसों की भरमार है, लेकिन कोई भी प्रोड्यूसर रिस्क नहीं लेना चाहता, लेकिन बाहुबली उन सब के लिए एक उदाहरण की तरह है।
शायद अब दर्शकों की उम्मीदें भी बढ़ गयी हों और इन बढ़ी उम्मीदों को पूरा करना फ़िल्म जगत के लिए चुनौती होगी।
बाहुबली ने दिखा दिया कि सीमित लागत में एक अच्छी फ़िल्म बनायीं जा सकती है और जब फ़िल्म अच्छी होगी तो दर्शक फ़िल्म देखने थिएटर ज़रूर आयेंगे।
अब उम्मीद है बॉलीवुड के निर्माता और निर्देशक इस बात को समझ पायेंगे और अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आकर रिस्क लेंगे।
आज बाहुबली एक ऐसा अविश्वसनीय प्रोजेक्ट बना है जिसकी हॉलीवुड के फिल्मों से तुलना हो रही है,लेकिन हमने वो कर दिया जिसने हॉलीवुड को भी सोचने पर विवश कर दिया।
आज पूरे विश्व में बाहुबली चर्चा का विषय है इसकी ओवरसीज कमाई ये बता रही है।
मै बाहुबली के दोनों पार्ट को एक साथ जोड़ के ही बात करना चाहूँगा।
उम्मीद है हम अब भारतीय फ़िल्म में बड़े बदलाव देखेंगे।
-Divyaman Yati
बाहुबली नाम सुनते ही एक उमंग और एक नयी दुनिया "माहिष्मति" का दृश्य सामने आ जाता है, ये दुनिया बनाने में कितनी लगन और मेहनत लगी है ये बाहुबली टीम ही बखूबी समझा सकती है हम तो बस अंदाज़ा ही लगा सकते हैं। 5-6 साल की मेहनत को हमने 6 घण्टों में समेट लिया और एक उम्मीद लिये वापस सिनेमाघरों से लौटे।
वो उम्मीद ये थी कि शायद बाहुबली ने भारतीय फ़िल्म जगत को एक नयी उम्मीद दी हो, शायद एक क्रांति लायी हो।
हमें ये याद रखना चाहिए ये फ़िल्म दक्षिण भारतीय फ़िल्म का हिस्सा है,
जिसने हिन्दी भाषा में भीे धमाल मचा रखा है अभी तक के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिये और नये रिकॉर्ड कायम कर रही है।
ऐसा नहीं ये एक तुक्का या सिर्फ किसी योजना की देन थी, बल्कि ये एक अच्छे कंटेंट और एक प्रबल सोच की देन है।
जिसे राजामौली और उनकी टीम ने बखूबी अंजाम दिया।
आश्चर्यजनक दृश्य सोचना और उसे पर्दे पर उतारना एक प्रखर सोच वाले इंसान की ही हो सकती है।
और अब बात हमारे हिंदी फ़िल्म जगत पर बाहुबली के प्रभाव के बारे में, क्योंकि ये बहुत मायने रखता है।
हिंदी फ़िल्म जगत में बड़े बड़े प्रोजेक्ट औंधे मुँह गिर जाते है, वजह होती है अच्छा कंटेंट, अच्छी कहानी का न होना।
इस देश में बहुत अच्छी-अच्छी फिल्मों का विभिन्न भाषाओं में निर्माण होता है,लेकिन अधिकांश फिल्में दर्शकों के बीच पहुँच ही नहीं पाती।
अब वक़्त आ गया है भारतीय फ़िल्म जगत को एकजुट होकर अच्छे प्रोजेक्ट पर काम करने में झिझक नहीं दिखानी चाहिये।
हिन्दी फ़िल्म जगत में पैसों की भरमार है, लेकिन कोई भी प्रोड्यूसर रिस्क नहीं लेना चाहता, लेकिन बाहुबली उन सब के लिए एक उदाहरण की तरह है।
शायद अब दर्शकों की उम्मीदें भी बढ़ गयी हों और इन बढ़ी उम्मीदों को पूरा करना फ़िल्म जगत के लिए चुनौती होगी।
बाहुबली ने दिखा दिया कि सीमित लागत में एक अच्छी फ़िल्म बनायीं जा सकती है और जब फ़िल्म अच्छी होगी तो दर्शक फ़िल्म देखने थिएटर ज़रूर आयेंगे।
अब उम्मीद है बॉलीवुड के निर्माता और निर्देशक इस बात को समझ पायेंगे और अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आकर रिस्क लेंगे।
आज बाहुबली एक ऐसा अविश्वसनीय प्रोजेक्ट बना है जिसकी हॉलीवुड के फिल्मों से तुलना हो रही है,लेकिन हमने वो कर दिया जिसने हॉलीवुड को भी सोचने पर विवश कर दिया।
आज पूरे विश्व में बाहुबली चर्चा का विषय है इसकी ओवरसीज कमाई ये बता रही है।
मै बाहुबली के दोनों पार्ट को एक साथ जोड़ के ही बात करना चाहूँगा।
उम्मीद है हम अब भारतीय फ़िल्म में बड़े बदलाव देखेंगे।
-Divyaman Yati
bahut khub
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