एक लड़की #हरियाणा में #छेड़खानी की शिकार हुई, छेड़ने वाले वो थे जिन्हें पता था, "मेरा कौन क्या कर लेगा सरकार मेरी है।" पुलिस ने आखिर मौके पर पकड़ लिया लेकिन कब तक रख पाती जमानत मिल ही गयी।
भैया वो सरकार हैं वो कुछ भी कर सकते हैं।
सोचिये वो लड़की एक आई. ए. एस. की बेटी थी अगर वो कोई आम लड़की होती तो उसका तो पता भी नहीं चलता।
लड़के से पहले लड़की की ही जाँच शुरू हो गयी वो जाँच है लड़की के #आचरण की जो हर बार होती है।
लड़की में कोई ना कोई कमी निकाल ही लेंगे कुछ लोग फिर बात आ जायेगी लड़की क्या कर रही थी और क्यों इतनी रात वहां थी।
बात आगे बढ़ेगी मुद्दा बदल जायेगा। बात शुरू कहाँ से हुई थी बात कहाँ पहुँच जायेगी पता नहीं।
"ये ऐसे लोग हैं जो निर्भया के की मौत पर मोमबत्तियां तो खूब जलाते हैं लेकिन दूसरों की आचरण की पहचान बड़ी बारीकी से करते हैं।"
अभी तो राजनीति चल रही है बीजेपी-कांग्रेस वाली, जिसकी हमें आदत सी हो गयी है।
बस सवाल एक ही है अगर वो कोई आम लड़की होती तो उसका क्या हश्र होता, क्या वो इस लायक बचती को वो अपनी आवाज बुलंदी से उठा सके।
ये राजनीति का मुद्दा होगा बहुतों के लिये तो राजनीतिक लोग इस पोस्ट से दूर रहे कृपया करके।
बात कोई नयी नहीं कही मैंने लेकिन बात आज भी वही कर रहा हूँ जो देश #निर्भया के वक़्त कह रहा था।
मै हर बार आपको याद दिलाऊंगा आप सब को उस निर्भया का चेहरा क्योंकि बहुतों ने मोमबत्तियां जलायी थी।
"सोच सको तो सोच लेना किस लिये जलाई थी
और क्या वो मोमबत्तियां बुझ गयी?"
भैया वो सरकार हैं वो कुछ भी कर सकते हैं।
सोचिये वो लड़की एक आई. ए. एस. की बेटी थी अगर वो कोई आम लड़की होती तो उसका तो पता भी नहीं चलता।
लड़के से पहले लड़की की ही जाँच शुरू हो गयी वो जाँच है लड़की के #आचरण की जो हर बार होती है।
लड़की में कोई ना कोई कमी निकाल ही लेंगे कुछ लोग फिर बात आ जायेगी लड़की क्या कर रही थी और क्यों इतनी रात वहां थी।
बात आगे बढ़ेगी मुद्दा बदल जायेगा। बात शुरू कहाँ से हुई थी बात कहाँ पहुँच जायेगी पता नहीं।
"ये ऐसे लोग हैं जो निर्भया के की मौत पर मोमबत्तियां तो खूब जलाते हैं लेकिन दूसरों की आचरण की पहचान बड़ी बारीकी से करते हैं।"
अभी तो राजनीति चल रही है बीजेपी-कांग्रेस वाली, जिसकी हमें आदत सी हो गयी है।
बस सवाल एक ही है अगर वो कोई आम लड़की होती तो उसका क्या हश्र होता, क्या वो इस लायक बचती को वो अपनी आवाज बुलंदी से उठा सके।
ये राजनीति का मुद्दा होगा बहुतों के लिये तो राजनीतिक लोग इस पोस्ट से दूर रहे कृपया करके।
बात कोई नयी नहीं कही मैंने लेकिन बात आज भी वही कर रहा हूँ जो देश #निर्भया के वक़्त कह रहा था।
मै हर बार आपको याद दिलाऊंगा आप सब को उस निर्भया का चेहरा क्योंकि बहुतों ने मोमबत्तियां जलायी थी।
"सोच सको तो सोच लेना किस लिये जलाई थी
और क्या वो मोमबत्तियां बुझ गयी?"
- Divyaman Yati
Comments
Post a Comment