◆मै काला हूँ◆
हाँ मै काला हूँ,
हाँ मेरी सूरत काली है।
हाँ मुझे दिखने के लिए उजाले की ज़रूरत पड़ती है।
मै काला हूँ मुझे इस बात में कोई शर्म नहीं बल्कि मुझे गर्व है अपने काले होने पर फिर क्यों कुछ लोगों को मेरा काला होना रास नहीं आता?
मुझसे मोहब्बत नहीं कर सकते तो ना करो लेकिन मुझसे नफ़रत भी ना करो।
ये क्यों भूल जाते हो तुम कि "ईश्वर ने जितना वक़्त उजाले को दिया है उतना ही वक़्त अँधेरे को भी दिया है।"
जितना हक़ तुम्हारा है इस दुनिया पर उतना मेरा भी है, मुझे नहीं चाहिए किसी की मोहब्बत लेकिन ये नफ़रत भी तो ना दो मुझे।
गोरी आँखों में काला काजर लगाने से चेहरे की शोभा बढ़ जाती है,
कुछ को अपने गोरे बदन पर काली शर्ट कितनी अच्छी लगती है,
तुमको काली बिल्ली कितनी पसंद है, तुमको काले कुत्ते भी अच्छे लगते हैं,
तुमको तुम्हारे काले मोटरसाइकिल या काली कार को देखना सुकूँ देता हो लेकिन काले इंसान को देख के तुम्हारा दिन ख़राब हो जाता है।
हर चीज़ काली पसंद है सिवाय किसी काले इंसान के।
ज़रा खुद के अंदर झाँक के देख लो, तुम खुद दोहरी सोच में जी रहे हो,देखो कहीं तुम्हारी उजली नज़र तुम्हे अँधा तो नहीं बना रही।
जिस दिन समझ पाये ये उजला और काला सिर्फ एक रंग है जिसे तुमने अच्छे और बुरे में बाँट दिया है, उस दिन तुम्हारी उजली अंधी होती आँख की रौशनी सही हो जायेगी और तुम्हे काले सूरत की खूबसूरती दिखाई देने लगेगी।
- दिव्यमान यती
हाँ मै काला हूँ,
हाँ मेरी सूरत काली है।
हाँ मुझे दिखने के लिए उजाले की ज़रूरत पड़ती है।
मै काला हूँ मुझे इस बात में कोई शर्म नहीं बल्कि मुझे गर्व है अपने काले होने पर फिर क्यों कुछ लोगों को मेरा काला होना रास नहीं आता?
मुझसे मोहब्बत नहीं कर सकते तो ना करो लेकिन मुझसे नफ़रत भी ना करो।
ये क्यों भूल जाते हो तुम कि "ईश्वर ने जितना वक़्त उजाले को दिया है उतना ही वक़्त अँधेरे को भी दिया है।"
जितना हक़ तुम्हारा है इस दुनिया पर उतना मेरा भी है, मुझे नहीं चाहिए किसी की मोहब्बत लेकिन ये नफ़रत भी तो ना दो मुझे।
गोरी आँखों में काला काजर लगाने से चेहरे की शोभा बढ़ जाती है,
कुछ को अपने गोरे बदन पर काली शर्ट कितनी अच्छी लगती है,
तुमको काली बिल्ली कितनी पसंद है, तुमको काले कुत्ते भी अच्छे लगते हैं,
तुमको तुम्हारे काले मोटरसाइकिल या काली कार को देखना सुकूँ देता हो लेकिन काले इंसान को देख के तुम्हारा दिन ख़राब हो जाता है।
हर चीज़ काली पसंद है सिवाय किसी काले इंसान के।
ज़रा खुद के अंदर झाँक के देख लो, तुम खुद दोहरी सोच में जी रहे हो,देखो कहीं तुम्हारी उजली नज़र तुम्हे अँधा तो नहीं बना रही।
जिस दिन समझ पाये ये उजला और काला सिर्फ एक रंग है जिसे तुमने अच्छे और बुरे में बाँट दिया है, उस दिन तुम्हारी उजली अंधी होती आँख की रौशनी सही हो जायेगी और तुम्हे काले सूरत की खूबसूरती दिखाई देने लगेगी।
- दिव्यमान यती
Amazing
ReplyDelete😊😊
Thank you😊
Delete🙌🙌🙌
ReplyDeleteThank you😊
ReplyDeletenice....👌👌👍
ReplyDeleteThank you
Delete👏👏👏👏👏
ReplyDeleteKya baat kya baat❤
ReplyDeleteसानदार जबरजस्त जिंदाबाद।
ReplyDelete#Divya_prem.. tum Divya ho..
ReplyDelete👌👌
ReplyDeleteWah Bhai kya aap likha gai
ReplyDeleteMai hareram mishra hu aap bhaut aage jaaoge
ReplyDeleteGod bless you👉👉👉👉👉👉
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