◆देश के नौजवानों◆
हे! देश के समझदार नौजवानों ये जो कुछ नासमझ लोग सोशल मीडिया पर आग उगल रहे हैं आप उन्हें क्यों नहीं सिरे से ख़ारिज कर देते।
आप धर्म का झंडा बुलंद करके इंसानियत को कहाँ रख रहे हो? जिसे आप धर्म कह रहे हो कहीं वो अधर्म तो नहीं?
मुझे धर्म का ज्यादा ज्ञान नहीं लेकिन मुझे इतना पता है इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं क्योंकि बचपन से ही हमें यही सिखाया और पढ़ाया गया है।
वो धर्म के ठेकेदार जो चाहते हैं आप से, आपमें से कुछ वही तो कर रहे हैं।आप लोकतंत्र के स्तम्भ बने ना कि गन्दी राजनीति के।
मै देख रहा हूँ मेरे भी मित्रों में से कुछ को, लग रहा है उनका धर्म या क़ौम खतरे में है, और अपने धर्म को खतरे से बचाने के लिये कही से भी कोई भी अफ़वाह या गलत खबर को शेयर करने में पीछे नहीं हटते।
"धर्म का पता नहीं लेकिन इंसानियत तो ज़रूर खतरे में है।"
हम क्यों किसी की कही गयी बातों पर बिना सोचे समझे आँख बंद करके विश्वास कर लेते हैं बिना उस बात की सत्यता की परख किये बिना।
नौजवानों से ही देश को उम्मीद है लेकिन जब नौजवान ही नहीं सोचेंगे हमारा भविष्य युद्ध निर्धारित करेगा या शांति, तो कैसे देश आगे बढ़ेगा?
किससे लड़ना है आपको? सदियों से तो सब लड़ते ही आये हैं क्या परिणाम आया, सिर्फ और सिर्फ #विनाश।सहनशीलता कोई बुरी चीज़ नहीं।विरोध करना है तो सकारात्मक विचारों से करें।
नफ़रत तो बुरी चीज़ होती ही है हम कभी-कभी किसी इंसान से इतनी नफ़रत करने लगते हैं कि उसके द्वारा किये गए अच्छे कामों को भी हम संदेह की निगाह से देखते हैं।
इतनी नफ़रत पाल के कैसे जी पायेंगे, याद रखिये एक दिन यही नफ़रत आपके विनाश का कारण बनेगी।मोहब्बत का पैग़ाम ही तो हर किसी के ईश्वर या ख़ुदा ने दिया है उसे भूल कैसे जाते हैं आप?
- Divyaman Yati
हे! देश के समझदार नौजवानों ये जो कुछ नासमझ लोग सोशल मीडिया पर आग उगल रहे हैं आप उन्हें क्यों नहीं सिरे से ख़ारिज कर देते।
आप धर्म का झंडा बुलंद करके इंसानियत को कहाँ रख रहे हो? जिसे आप धर्म कह रहे हो कहीं वो अधर्म तो नहीं?
मुझे धर्म का ज्यादा ज्ञान नहीं लेकिन मुझे इतना पता है इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं क्योंकि बचपन से ही हमें यही सिखाया और पढ़ाया गया है।
वो धर्म के ठेकेदार जो चाहते हैं आप से, आपमें से कुछ वही तो कर रहे हैं।आप लोकतंत्र के स्तम्भ बने ना कि गन्दी राजनीति के।
मै देख रहा हूँ मेरे भी मित्रों में से कुछ को, लग रहा है उनका धर्म या क़ौम खतरे में है, और अपने धर्म को खतरे से बचाने के लिये कही से भी कोई भी अफ़वाह या गलत खबर को शेयर करने में पीछे नहीं हटते।
"धर्म का पता नहीं लेकिन इंसानियत तो ज़रूर खतरे में है।"
हम क्यों किसी की कही गयी बातों पर बिना सोचे समझे आँख बंद करके विश्वास कर लेते हैं बिना उस बात की सत्यता की परख किये बिना।
नौजवानों से ही देश को उम्मीद है लेकिन जब नौजवान ही नहीं सोचेंगे हमारा भविष्य युद्ध निर्धारित करेगा या शांति, तो कैसे देश आगे बढ़ेगा?
किससे लड़ना है आपको? सदियों से तो सब लड़ते ही आये हैं क्या परिणाम आया, सिर्फ और सिर्फ #विनाश।सहनशीलता कोई बुरी चीज़ नहीं।विरोध करना है तो सकारात्मक विचारों से करें।
नफ़रत तो बुरी चीज़ होती ही है हम कभी-कभी किसी इंसान से इतनी नफ़रत करने लगते हैं कि उसके द्वारा किये गए अच्छे कामों को भी हम संदेह की निगाह से देखते हैं।
इतनी नफ़रत पाल के कैसे जी पायेंगे, याद रखिये एक दिन यही नफ़रत आपके विनाश का कारण बनेगी।मोहब्बत का पैग़ाम ही तो हर किसी के ईश्वर या ख़ुदा ने दिया है उसे भूल कैसे जाते हैं आप?
- Divyaman Yati
Its commendable😊😊
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