Suzhal : The Vortex Review : अमेजन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) पर 17 जून से तमिल क्राइम थ्रिलर सीरीज 'सूड़ल' स्ट्रीम हो रही है. इस सीरीज को लिखा और डायरेक्ट किया है पुष्कर और गायत्री ने. ये दोनों इससे पहले तमिल में 'विक्रम वेधा' (Vikram Vedha) जैसी सुपरहिट फिल्म बना चुके हैं. जिसके हिंदी रीमेक में 'ऋतिक रोशन' और 'सैफ अली खान' नजर आने वाले हैं. इस विवाहित जोड़ी ने अब सीरीज की तरफ रुख किया है. 'Suzhal' की कहानी में कई उतार-चढ़ाव हैं. ये एक रहस्यमयी गांव की कहानी है, जहां 'मयान कोल्लई' के त्योहार का माहौल है. एक दिन उस गांव की फैक्ट्री में भीषण आग लग जाती है और उसी रात फैक्ट्री के मजदूर यूनियन के लीडर की बेटी भी गायब हो जाती है. पुलिस जो फैक्ट्री मालिक की हितैषी है वो फैक्ट्री में लगी आग की इन्वेस्टिगेशन करने लगती है लेकिन लड़की के गायब होने की खबर और मजदूरों के दबाव के कारण इन्वेस्टिगेशन का रुख गायब लड़की के केस की तरफ मुड़ जाता है. लड़की की तलाश शुरू हो जाती है जिसके बाद एक-एक करके कई बड़े राज सामने आने लगते हैं.
धीमी शुरुआत के बाद मिलेगा सस्पेंस-थ्रिल का तड़का
इस सीरीज की शुरुआत थोड़ी धीमी होती है. शुरुआत में ये आपके लिए एक प्लेटफॉर्म तैयार करती है. सस्पेंस थ्रिलर फिल्मों के वाकई में आप दर्शक हैं तो आपको धैर्य बना कर रखना ही पड़ता है. जितना धैर्य रखेंगे ये सीरीज उतना ही मजा देगी. ऐसा ही होता है एपिसोड चार में जहां अचानक से लगता है कि अब तो सब कुछ साफ हो गया. लड़की के गायब होने की वजह भी पता चल गई. अब क्या ही आगे के चार एपिसोड में दिखाएंगे. वहां मैं भी कुछ देर के लिए धैर्य खो बैठा था क्योंकि वहां बड़ा अजीब सा कुछ होता है लेकिन ये सीरीज आगे बढ़ती है और आपके होश उड़ाते हुए एक नया एंगल लेकर सामने आ जाती है. बराबर समय-समय पर आपको सस्पेंस और थ्रिल का तड़का मिलता है. इसमें साउथ के मशहूर 'मयान कोल्लई' त्योहार को जिस अंदाज में दिखाया गया है वो भी आपको बहुत पसंद आएगा. कई बार आपके अंदर डर वाली फीलिंग भी आएगी.
दमदार एक्टिंग इस सीरीज को और बेहतर बनाती है
इस सीरीज में प्रमुख चार किरदार हैं सब इंस्पेक्टर सक्करई (काथिर), सीनियर इंस्पेक्टर रेजिना (श्रेया रेड्डी),मजदूर यूनियन लीडर संमुगम (पार्थिबन राधाकृष्णन) और नंदिनी (ऐश्वर्या राजेश) इन सभी ने अपनी बेहतरीन एक्टिंग से इस सीरीज को और बेहतर बनाया है. गायब लड़की के किरदार में गोपिका रमेश हैं वो बहुत मासूम लगी हैं. अगर आपने 'आर माधवन' और 'विजय सेतुपति' की तमिल फिल्म 'विक्रम वेधा' देखी होगी तो आपको याद होगा उसमें भी सस्पेंस और थ्रिल का बराबर डोज मिला था. उसी तरीके से पुष्कर और गायत्री की जोड़ी ने इसकी भी कहानी लिखी है. स्क्रीनप्ले में इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है कि दर्शकों का इंटरेस्ट लूज ना हो, जैसे आप कहानी में आगे का प्रेडिक्शन करते हैं वैसे ही मेकर्स अपने ट्विस्ट से आपको गलत साबित कर देते हैं. यही इस सीरीज की खासियत है ये आपके दिमाग को भी ना चाहते हुए इन्वॉल्व कर ही लेती है.
क्लाइमेक्स में रह गई थोड़ी सी कमी
मुझे इस सीरीज का क्लाइमेक्स थोड़ा सा रूटीन लगा. इस सीरीज के जरिए मेकर्स क्या कहना चाहते हैं वो तो स्पष्ट तरीके से आया ही लेकिन अंत में जो टेंशन और थ्रिल होना चाहिए वो थोड़ा सा कम रह गया. आखिर में ये भी लगा कि वो क्लाइमेक्स तक पहले भी आ सकते थे, लेकिन सीरीज है उन्हें 8 एपिसोड तक लेकर जाना था इसलिए उन्होंने इसके स्क्रीनप्ले में कुछ और एलिमेंट्स ऐड कर दिए. हालांकि जितने भी एलिमेंट्स दिखे वो गैरजरूरी नहीं लगे क्योंकि स्क्रीनप्ले दमदार था. इसमें सब इंस्पेक्टर एक बात कहता है कि ये इतनी छोटी सी जगह है जहां हर कोई हर किसी के बारे में अच्छे से जानता है. बाद में उसे एहसास होता है ये उसका भ्रम है. जगह चाहे कितनी भी छोटी ही क्यों ना हो उस जगह जरूर कोई ना कोई राज छुपा होता है.
ये सीरीज आपको तभी पसंद आएगी जब आप सस्पेंस थ्रिलर फिल्मों के रिप्रेजेंटेशन के स्टाइल से वाकिफ हों. आपमें थोड़ा सा धैर्य हो. ऐसा ना हो कि 15-20 मिनट तक कुछ खास नहीं हुआ तो आप स्किप करके निकल जाएं. ये सीरीज वैसे इतना भी वक़्त नहीं लेती आपको समय-समय थ्रिल करती रहती है. तो देख लीजिए हिंदी में भी उपलब्ध है अमेजन प्राइम वीडियो पर. मजा आएगा. कुछ अलग और डार्क अंदाज वाली सीरीज पसंद है तो ये आपके लिए ही है.
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