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Showing posts from May, 2017

एक टूटे हुए मोहब्बत के रिश्ते को समर्पित।

◆एक टूटे हुए मोहब्बत के रिश्ते को समर्पित◆ आज बरसों से चला आ रहा मोहब्बत का ये सिलसिला थम गया, कितना अजीब लगता है तेरा यूँ इस कदर मुझे छोड़ कर जाना, क्या करूँ? शिकायत करूँ या इबादत करुँ ख़ुदा से, समझ नहीं आता। बस दिल सुन्न सा पड़ा हुआ है, जैसे ये एहसास मुझे पहले कभी ना हुआ हो। पर मोहब्बत मेरी कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी। तू कभी फ़िक्र ना करना मेरी, बस एक एहसान कर देना मुझपे, अपने यादों में कभी-कभी थोड़ी सी ज़िक्र कर देना मेरी।                                    - Divyaman Yati

Don't Ask Any Question About My Indian Army

    जब 24×7 बॉर्डर पर हमारी सेना बिना कोई सवाल पूछे हमारी खुशहाली के लिये ड्यूटी करती हैं, तब हम क्यों उनसे सवाल पूछते हैं, इस लोकतांत्रिक देश सब अपनी गरिमा और मांग के लिये हड़ताल करते हैं, लेकिन भारतीय सेना नहीं करती, क्यों? क्योंकि उनकी कोई मांग ही नहीं होती। थोड़ी तो शर्म करो सेना से सवाल पूछने वालों जिस दिन देश की सेना हड़ताल पर बैठ गयी उस दिन क्या होगा? लेकिन सेना की कोई शर्त या मांग नहीं वो बिना शर्त अपने देश की और उनके लोगो की सुरक्षा करते हैं। #जयहिन्द फोटो साभार- गूगल                       - Divyaman Yati

◆गैंग्स ऑफ रेवाड़ी गर्ल्स◆

          ●गैंग्स ऑफ़ रेवाड़ी गर्ल्स● आप लोग शीर्षक से समझ ही गये होंगे कि मै हरियाणा के रेवाड़ी की उन बहादुर लड़कियों का ज़िक्र कर रहा हूँ, जिन्होंने अपने हक़ की लड़ाई शांतिपूर्ण और साहस के साथ लड़ी। उनकी लगभग एक हफ्ते की भूख हड़ताल के आगे आख़िरकार सरकार को झुकना ही पड़ा और रेवाड़ी की इन बहादुर लड़कियों की मांग पूरी हुई जो कि निःसंदेह जायज़ थी। मुझे इस हड़ताल के पीछे का कारण जान कर आश्चर्य हुआ, मनचलों के डर से ये लड़कियां अपने स्कूल को अपग्रेड कराना चाहती थी जिसकी वजह से उन्हें दूसरे गाँव ना जाना पड़े और उन्हें मनचलों की कायराना हरकत का शिकार न होना पड़े। ख़ैर बात इन बहादुर बच्चियों की जिन्होंने इस समाज में एक मिशाल कायम किया है, इतनी कम उम्र में इतना दृढ़निश्चय सराहनीय है। मेरा इन बच्चियों को सलाम बहुत कुछ सीखने को मिला इनसे। दुःख की बात ये है कि इस खबर की जानकारी बहुत मुझे भी मुश्किल से मिल पायी,मुझे इनके बारे पूरी जानकारी के लिये थोड़ी मेहनत करनी पड़ी, अभी भी बहुत से लोग शायद ही उन "रेवाड़ी गर्ल्स" के बारे में जानते हों ये थोड़ी निराशाजनक बात है। क्योंकि इसी दौरान एक और भूख हड़ताल चल रही

मोदी सरकार के 3 साल।

मोदी सरकार के 3 साल- इस साल 16 मई को मोदी सरकार के 3 साल पुरे होने वाले हैं, हर साल की तरह इस साल भी मोदी सरकार के समस्त मंत्री अपने-अपने काम का विवरण ले कर लोगों के बीच आ रहे हैं और 3 साल का जश्न मना रहे हैं। मोदी सरकार के 3 साल पुरे होने पर जनता भी मोदी सरकार के काम का हिसाब किताब ज़रूर करेगी और करे भी क्यों ना, जनता का अधिकार है कि वो अपने सरकार के कामकाज का हिसाब ले। मोदी सरकार निःसंदेह पिछले 3 सालों में कुछ आश्चर्यजनक फैसलों और कामों से लोगो के बीच अपनी लोकप्रियता को काफी हद तक कायम रखा है, इनमें से नोटेबन्दी और सर्जिकल स्ट्राईक ताज़ा उदाहरण हैं। लेकिन मोदी सरकार के लिए राह अभी आसान नहीं, अभी भी एक बड़ा वर्ग उनसे बहुत सी उम्मीदें लगाये बैठा है, उनमे किसान प्रमुख हैं जिन्हें मोदी सरकार भरोसा देती भी  रहती है। मोदी सरकार की बहुत से फैसले और नीतियां सराहनीय हैं,सरकार पर पिछले 3 साल में एक भी भ्रष्टाचार के आरोप न लगना उनकी बड़ी उपलब्धियों में से एक है। मोदी जी की विदेश यात्राओं की चर्चा सरकार शुरुवाती दिनों में खूब रही विपक्ष ने ख़ूब चुटकियां ली लेकिन आज भारत की विश्व पटल पर एक नयी प

कुछ सवाल मीडिया से भी।

जहाँ तक मीडिया की बात है, तो मीडिया हर किसी से सवाल पूछता है, हर किसी के कार्य शैली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है, हर बार मीडिया अपनी स्वतंत्रता की बात करता है। पर क्या कोई है जो मीडिया की कमियों को भी उजागर करे? क्या कोई है जो मीडिया से भी सवाल पूछे? या फिर ऐसा है कि मीडिया से कभी कोई गलती होती ही नहीं। तो मेरा कहना सिर्फ ये है मीडिया के बीच के लोग जो पत्रकारिता समाज के प्रति अपने कर्तव्यों के निर्वहन लिये करते हैं उन्हें उठ कर सामने आना होगा और अपने बीच की बुराइयों और अपने बीच चल रहे व्यवसाय के खिलाफ आवाज़ उठानी होगी। नहीं तो अगर सवाल करने वाले की पवित्रता खतरे में आ जाये तो उसके सवाल का क्या मतलब।                                       -दिव्यमान यती

शहीद उमर फ़याज़।

अरे ओ कश्मीर के मुर्ख पत्थरबाजों, क्या तुम्हारा ज़मीर आज नहीं रो रहा, जब तुम्हारे बीच का एक युवक लेफ्टिनेंट फ़याज़ की निर्मम हत्या कर दी गई। कल तक तुम ज़ाहिलों ने एक आतंकवादी के लिये अपनी माँ से दगा कर गये। तुम्हें देख तो उपरवाला भी अफ़सोस कर रहा होगा, मेरी बनाई सबसे अनमोल रचनाओं में से कुछ इतने ज़ाहिल हैं। हमें गर्व है उस कश्मीरी शहीद उमर फ़याज़ पर। उपरवाला उनकी आत्मा को शांति दे।

■ मै नदी थी■

मै नदी थी, इंसानों ने नाला बना दिया। कल तक खुद अपना रास्ता बनाती थी, आज तुमने मेरी तक़दीर पर हक़ जमा लिया। जैसे तैसे मै अपना वज़ूद ढूंढ रही हूँ, और इन इंसानों ने मेरे आशियाने पर अपना ही कारोबार बसा लिया।                          - दिव्यमान यती

निर्भया - एक सोच

ना ये रात गुनहगार है, ना ही वो रात थी, ना ही हम गुनहगार हैं, ना ही तुम थी, गुनहगार तो वो सोच थी, जो उस रात उन दरिंदों की थी। वो आज या कल मर ही जायेंगे ज़ाहिलों की मौत, पर उस सोच का क्या, क्या वो मर पायेगी? मार सको तो उस सोच को मार देना, शायद अपनी बहन, माँ, और बेटियां बच जायेंगी।

Shame on pakistani army..

मै आप सभी से निवेदन कर रहा हूँ कि पूरा देश एक साथ पाकिस्तान की निंदा करे, जब 121 करोड़ लोग एक साथ एक सुर में पाकिस्तान को चुनौती देंगे, तब क्या होगा ये सबको पता है। ये जो हरकत वो कर रहा है उससे ये ज़ाहिर होता है कि ये इंसानी हरकत तो नहीं। अब शांति वार्ता का वक़्त गया। आपको पता है जब पाकिस्तान की ख़ुद की बात होती है तो सारे पाकिस्तानी एक हो जाते हैं, वो पाकिस्तानी भी जिन्हे भारत रोज़ी रोटी देता है फिर हम क्यों दोहरे सोच में रहते हैं। मै तो दोहरी सोच में नहीं हूँ। मै पाकिस्तान को सिरे से ख़ारिज करना हूँ। मुझे पता है युद्ध विकल्प नहीं लेकिन और भी विकल्प हैं उसपर सरकार को अमल करना चाहिये और उम्मीद है सरकार ज़रूर करेगी। हर दर्द का जवाब मिलेगा, जो तुम नासमझों ने इस देश के जवानों को दिया है। अब तैयार हो जाओ। आप कहोगे सिर्फ बोलने से क्या होगा, तो मुझे ये बताओ ख़ामोश रह के क्या होगा। जय हिन्द। #IndiaAgainstPakistaniterorism                                  -Divyaman Yati

■बाहुबली-2 (एक बदलाव)

            ■बाहुबली-2 ( एक बदलाव)■ बाहुबली नाम सुनते ही एक उमंग और एक नयी दुनिया "माहिष्मति" का दृश्य सामने आ जाता है, ये दुनिया बनाने में कितनी लगन और मेहनत लगी है ये बाहुबली टीम ही बखूबी समझा सकती है हम तो बस अंदाज़ा ही लगा सकते हैं। 5-6 साल की मेहनत को हमने 6 घण्टों में समेट लिया और एक उम्मीद लिये वापस सिनेमाघरों से लौटे। वो उम्मीद ये थी कि शायद बाहुबली ने भारतीय फ़िल्म जगत को एक नयी उम्मीद दी हो, शायद एक क्रांति लायी हो। हमें ये याद रखना चाहिए ये फ़िल्म दक्षिण भारतीय फ़िल्म का हिस्सा है, जिसने हिन्दी भाषा में भीे धमाल मचा रखा है अभी तक के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिये और नये रिकॉर्ड कायम कर रही है। ऐसा नहीं ये एक तुक्का या सिर्फ किसी योजना की देन थी, बल्कि ये एक अच्छे कंटेंट और एक प्रबल सोच की देन है। जिसे राजामौली और उनकी टीम ने बखूबी अंजाम दिया। आश्चर्यजनक दृश्य सोचना और उसे पर्दे पर उतारना एक प्रखर सोच वाले इंसान की ही हो सकती है। और अब बात हमारे हिंदी फ़िल्म जगत पर बाहुबली के प्रभाव के बारे में, क्योंकि ये बहुत मायने रखता है। हिंदी फ़िल्म जगत में बड़े बड़े प्रोजेक्ट