◆एक टूटे हुए मोहब्बत के रिश्ते को समर्पित◆ आज बरसों से चला आ रहा मोहब्बत का ये सिलसिला थम गया, कितना अजीब लगता है तेरा यूँ इस कदर मुझे छोड़ कर जाना, क्या करूँ? शिकायत करूँ या इबादत करुँ ख़ुदा से, समझ नहीं आता। बस दिल सुन्न सा पड़ा हुआ है, जैसे ये एहसास मुझे पहले कभी ना हुआ हो। पर मोहब्बत मेरी कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी। तू कभी फ़िक्र ना करना मेरी, बस एक एहसान कर देना मुझपे, अपने यादों में कभी-कभी थोड़ी सी ज़िक्र कर देना मेरी। - Divyaman Yati
अभी नया हूँ, पुराना तो होने दो, दौर मेरा भी आएगा, दीवाना तो होने दो।