ये वो वक़्त है जब मैंने एक छोटी सी पहल की है,
खुद को समझने की शायद इस उम्मीद के साथ की मै ये गुत्थी
सुलझाने मे सफल हो जाऊ, मै सोचता क्या हूँ ये समझ पाऊ।
मै रुका हुआ क्यूँ हूँ जबकि वक़्त इतनी तेज़ी से आगे निकल रहा है।
उम्मीद तो यही है कि मेरा वक़्त आने वाला हो।
क्योंकि उम्मीद ही तो है जो इस ज़िन्दगी को जीने का साहस देता है।
उम्मीद बनाये रखो।
खुद को समझने की शायद इस उम्मीद के साथ की मै ये गुत्थी
सुलझाने मे सफल हो जाऊ, मै सोचता क्या हूँ ये समझ पाऊ।
मै रुका हुआ क्यूँ हूँ जबकि वक़्त इतनी तेज़ी से आगे निकल रहा है।
उम्मीद तो यही है कि मेरा वक़्त आने वाला हो।
क्योंकि उम्मीद ही तो है जो इस ज़िन्दगी को जीने का साहस देता है।
उम्मीद बनाये रखो।
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