तो मोदी जी की इस तस्वीर पर ढ़ेर सारे मीम, ढ़ेर सारे भक्तिमय पोस्ट और ढ़ेर सारे उन क्रांतिकारी चिंतकों के पोस्ट जिन्हें लिखने और बोलने नहीं दिया जाता, को देखने और पढ़ने के बाद निष्कर्ष ये निकला कि मोदी जी जो चाहते थे वो हो गया.. क्या चाहते थे ये सवा सौ करोड़ जनता अपने-अपने हिसाब से तय करे, क्योंकि मोदी जी कुछ भी कहते हैं या यूं कहें बहुत कुछ कहते हैं।
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अब बाल की खाल और थोड़े सवाल-
●स्वच्छता को किसी भी तरह से प्रोमोट करना गलत या सही?
●नौटंकी तो सब कर रहे हैं बस उचित मंच के सही प्रयोग में मोदी जी माहिर हैं सही या गलत?
●मोदी जी को कैमरे से इतना प्यार है या कैमरे को मोदी जी से?
●मोदीजी की हर एक्टिविटी दिखने से दिक्कत है या उनकी हर एक्टिविटी पर चर्चा होने से?
●क्या मोदी जी के लिए कचरा फ्रेंडली माहौल बनाया गया था?
●मोदी जी प्लास्टिक का थैला घर से मंगवाया था या वहीं पाया था?
●मोदी जी प्लास्टिक वाले थैला में से कचरा फेंक कर प्लास्टिक घर ले गए या प्लास्टिक सहित पूरा कचरा कूड़ेदान में डाल दिया?
●मोदी जी के कपड़ों पर पसीना और रेत छलावा है या हकीकत?
●मोदीजी जी किसी को देख रहे हैं या पोज़ दे रहे हैं?
●मोदी जी के हाथ मे आखिर वो अनोखी चीज़ है क्या?
●मोदी जी के पीछे कितने नारियल के पेड़ हैं?
●आखिरी और सबसे ज्वलंत सवाल मोदी जी ने शी को जिनपिंग कहा या चिनपिंग?
फ़ोटो साभार- ट्विटर
अंतिम सवाल सबसे दमदार
ReplyDeleteआपको जल्दी ही देशद्रोही का दर्ज भक्तगण दे देंगे।
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