क्या कोई सुनना चाहता है
वृतांत
दुःख का
तुम्हारे दुःख का
क्या कोई जानना चाहता है
कारण
दुःख का
तुम्हारे दुःख का
दुःख तुम्हारा
हानिकारक है
सुखी आत्माओं
के लिए
तुम्हारे दुःख का वृतांत
उन्हें दुःखी कर देता है
उन्हें उजाले से प्रेम है
अंधेरा उनका शत्रु है
वो अनभिज्ञ हैं
इस अंधकार से
वो अनभिज्ञ हैं
तुम्हारे अंधकारमयी
दुःख से
कारण है
उनके पूर्वजों द्वारा फैलाया
डर
हाँ! अंधकार का डर
क्या अभी भी
लगता है तुम्हें
कोई सुनना चाहता है
वृतांत
दुःख का
तुम्हारे दुःख का
कोई जानना चाहता है
कारण
दुःख का
तुम्हारे दुःख का।
- दिव्यमान यती
मित्र क्या बोले अपने सब कुछ बोल दिया
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ReplyDeleteBohut sundar 👌
ReplyDeleteबहुत खूब
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