कलाकार- अक्षय कुमार, परिणीति चोपड़ा, राकेश चतुर्वेदी, विक्रम कोचर, इत्यादि
लेखक- गिरीश कोहली
निर्देशक- अनुराग सिंह
रेटिंग-⭐⭐⭐⭐
लेखक- गिरीश कोहली
निर्देशक- अनुराग सिंह
रेटिंग-⭐⭐⭐⭐
Kesari Movie Review : इतिहास में कई ऐसी महान घटनाएं हैं जिनके बारे में आम लोगों को बहुत कम या ना के बराबर जानकारी होती है। सिनेमा ऐसा साधन है जिसकी पहुँच आम इंसान तक है और सिनेमा अपने माध्यम से लोगों के बीच ऐसी कहानियां मनोरंजक तरीके से हमेशा से पहुंचाता रहा है। अक्षय कुमार की फिल्म केसरी भी इतिहास की एक ऐसी ही महान गाथा का सिनेमाई संस्करण है। एक ऐसी गाथा जिसने सबको आश्चर्यचकित कर दिया था।
फिल्म की कहानी शुरू होती है हवलदार ईशर सिंह (अक्षय कुमार) और उनके साथी गुलाब सिंह (विक्रम कोचर) के हंसी-ठिठोलों से। दोनों ही अफगानिस्तान और भारत की सीमा पर स्थित गुलिस्तान के किले में तैनात रहते हैं जहाँ अफगानों की नज़र रहती है। एक दिन सीमा पर एक मौलवी (राकेश चतुर्वेदी) के साथ भारी संख्या में अफगानी, एक औरत को उसके पति की खिलाफत करने के जुर्म में उसका गला काटने की कोशिश करते हैं। जिसे ईशर सिंह बर्दाश्त नहीं कर पाता है और अंग्रेज अफसरों के मना करने के बावजूद उस औरत को बचाने चला जाता है। अंग्रेज अफसर की बात ना मानने के लिए उसे गुलिस्तान से सारागढ़ी भेज दिया जाता है। सारागढ़ी एक ऐसा किला है जो सिर्फ गुलिस्तान और लोकर्ट के बीच सूचना पहुँचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। ईशर सिंह सारागढ़ी के किले का कार्यभार संभाल लेता है। लेकिन वो अफगान मौलवी जिससे ईशर सिंह ने उस औरत को बचाया था उसकी नजर भारतीय सीमा पर स्थित इन तीनों किलो पर रहती है। मौलवी, अफगान सरदारों का गुल बादशाह खान (अश्वत्थ भट्ट) और खान मसूद (मीर सरवर) के साथ तीनों किलों पर हमला करने की योजना बनाता है और सबसे पहले सारागढ़ी को चुनता है। 12 सितंबर 1897 को दस हजार से ज्यादा अफगानी सारागढ़ी के किले की ओर युद्ध के लिए पहुँच जाते हैं। सहायता के लिए लोकर्ट किले पर सन्देश भेजने के बावजूद तत्काल मदद की कोई उम्मीद नहीं रहती है।
उन सिखों को अफगानी सरदार आत्मसमर्पण करने का प्रस्ताव देता है लेकिन वो 21 सिख अपनी आन-बान और शान के लिए उनसे अंतिम श्वास तक लड़ने का फैसला करते हैं। इसी जंग की गौरवपूर्ण और भावनात्मक दास्तान है केसरी।
उन सिखों को अफगानी सरदार आत्मसमर्पण करने का प्रस्ताव देता है लेकिन वो 21 सिख अपनी आन-बान और शान के लिए उनसे अंतिम श्वास तक लड़ने का फैसला करते हैं। इसी जंग की गौरवपूर्ण और भावनात्मक दास्तान है केसरी।
अब बात फिल्म में कलाकारों के अभिनय की, फिल्म में हवलदार ईशर सिंह के किरदार में अक्षय कुमार की मेहनत पूरी तरह पर्दे पर दिखाई देती है। खासकर के अक्षय को लड़ाई के सीन में पूरे रौद्र रूप में देखना दर्शकों को उत्साहित करता है। यह अक्षय कुमार के अब तक के सबसे बेहतरीन किरदारों में से एक है। राकेश चतुर्वेदी मौलवी के किरदार में बिल्कुल फिट बैठे हैं। फिल्म सभी के किरदार प्रभावी दिखे हैं खासकर के वो 21 सिख नौजवान। परिणिति चोपड़ा को पहले ही मेकर्स ने स्पेशल थैंक्स दे दिया था तो उनका किरदार उसी प्रकार ही था छोटा सा, जिसमें वो ठीक-ठाक लगी हैं।
जहाँ तक फिल्म के लेखन की बात है तो इस फिल्म की कहानी एक लाइन में बताई जा सकती है लेकिन फिल्म के लेखक की तारीफ करनी होगी उन्होंने इसे ढाई घंटे तक का लिखा। स्क्रिप्ट पर मेहनत दिखती है एक-आध सीन छोड़ दें तो कोई सीन अस्वाभाविक नहीं लगता। निर्देशक अनुराग सिंह जिन्होंने कई हिट पंजाबी फिल्म निर्देशित की है उनका ये काम बेहद की सराहनीय है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी कमाल की है फिल्म का लोकेशन भी फिल्म को एक अलग ही लेवल पर ले जाता दिखाई देता है। फिल्म के एक्शन सीन बेहतरीन हैं खासकर का अक्षय कुमार का अकेले हजारों अफगानों के साथ लड़ने का। फिल्म में सभी एक्शन सीन आपको जोड़े रखते हैं और वास्तविक प्रतीत होते हैं। हाँ फिल्म की लंबाई थोड़ी कम की जा सकती थी फिर भी फिल्म आपको बांधे रखती है
फिल्म का संगीत बहुत हद तक फिल्म के भावनात्मक पहलू को निखारता है एक गाने को छोड़ दें जिसमें ईशर सिंह अपनी पत्नी को याद करता है तो बाकी गानें फिल्म के साथ-साथ चलते हैं। फिल्म के अंत में तेरी मिट्टी गाना दर्शकों को भावुक कर सकता है। ये गाना पहले से ही बहुत हिट हो चुका है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक भी अच्छा है।
फिल्म की कुछ खास चीजों की बात करें तो फिल्म का क्लाइमेक्स इस फिल्म की जान है, क्लाइमेक्स के कई सीन आपको आश्चर्यचकित भी करेंगे और भावुक भी। फिल्म में 'सूरा सो पहचानिए, जो लड़े दिन के हेत, पुर्जा पुर्जा कट मरे कबहुं न छाड़े खेत' जैसी पंक्तियां उत्साहित करने वाली हैं। फिल्म की एक खास बात इस फिल्म का ट्रीटमेंट है ये फिल्म आपको कहीं भी अपने मुद्दे से भटकती नहीं दिखाई देती। आप सिनेमा के थोड़े भी शौकीन हैं और इतिहास में रूचि रखते हैं तो आपको ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए। ये फिल्म आपके हर पैमाने पर खरा उतरती है। तो जाइये अपने नजदीकी सिनेमाघर में और इस होली केसरी रंग में रंग जाइये।
बहुत अच्छी समीक्षा
ReplyDeleteNice..
ReplyDeleteThe way you write is incredible
Keep it up
All the very best
Bht awesome....i love your writing bhai...aise hi likhte rho aage bado..💓❤god bless uh😘😘
ReplyDeleteEkdam sahi
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