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वो अधूरी रात

                      ◆वो अधूरी रात◆
मुझे आज भी उस अधूरी रात का एहसास सिर्फ अफ़सोस दिलाता है, तेरा मेरे इतने करीब हो कर भी तुझमे ना खो पाने का एहसास अफ़सोस दिलाता है।
लेकिन मुझे सिर्फ अफ़सोस नहीं मुझे एक सुकूँ भी है, वो सुकूँ तेरा मेरे करीब होने का है।
तेरे साथ बिताये वो हसीन पल अभी भी मेरे ज़ेहन में हैं।
और मुझे ये यकीन है ये हसीन पलों की शुरुआत है और तेरे मेरे करीब आने का सिलसिला यूँ ही चलता रहेगा।
क्या था तेरे दिल में वो मुझे खबर तो थी ही, क्या था मेरे दिल में शायद तुझे भी खबर थी।
लेकिन खबर होते हुए भी हम बेखबर थे।
मुझे नहीं पता ख़ुदा हो क्या मंजूर है लेकिन आज भी मेरा दिल हर वक़्त तुझे अपनेे करीब चाहता है, उम्मीद है तुम्हारी भी यही चाहत होगी।
जब चाहत को इतनी चाहत है तो क्यों ना इस चाहत की चाहत को पूरी की जाये फिर उस अधूरी रात को पूरी करके।
                 -Written by Divyaman Yati


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