मै इतना बेईमान कैसे हो सकता हूँ,
मैने अपनी उदासी से वादा किया था कि मै उसे खुद से दूर जाने नहीं दूँगा, थोड़ा ही सही उसे भी वक़्त दूँगा।
क्योंकि जब ख़ुशी मेरे पास ना थी, तब ये उदासी ही तो थी जिसने मुझे बहुत कुछ सिखाया, जिन्दगी में आगे बढ़ने का रास्ता मुझे दिखाया। फिर मै अपनी उदासी से दूर जाने की सोच भी कैसे सकता हूँ। मेरी उदासी से मैंने एक बात सीखी कि जैसे हम ख़ुशी का आनंद लेते हैं, ठीक वैसे ही हमें अपनी उदासी का भी आनंद लेना चाहिये।
और मै अब अपनी उदासी का आनंद लेता हूँ।
क्यूँकि कभी कभी ख़ुशी इतरा कर पूछती है कि तू हर वक़्त मेरे साथ क्यों रहता है, तब ख़ुशी को ये एहसास दिलाना जरुरी होता है इस दुनिया में तेरे सिवा भी कोई है जो जीने की राह दिखाता है और जब आप उदासी के साथ आनंद से कुछ पल बिताते हो तो ख़ुशी खुद-ब-खुद आपके आस पास मँडराने लगती है।
और उदासी की यही खासियत होती है कि वो आपको ख़ुशी के पास जाने से कभी नहीं रोकती। उदासी कभी ये नहीं कहती तुम अपने हौंसले को तोड़ दो, अगर तुमने अपनी उदासी को ठीक से समझा तो वो ये कहती है, मै तो इसीलिए तेरे पास आयी हूँ कि मै तेरे हौसले को और मजबूत कर सकूँ।
लेकिन इसका मतलब ये नहीं की हम एहसानफरामोश हो जाये।
अपने बुरे वक़्त की अच्छी यादों को साथ लिये अच्छे वक़्त में जाओगे तभी अच्छा वक़्त आपकी क़द्र करेगा।
Very Nice Buddy :) keep Smiling
ReplyDeleteThank you bhai..
Delete