हीरो:-
कुछ लोगों को हालात हीरो बना देते हैं और कुछ लोग बचपन से ही हीरो होते हैं।
एक हीरो जो बचपन से ही हीरो था। वो अपने परिवार, अपने सगे-संबंधियों का हीरो था और वो जैसे-जैसे बड़ा हुआ उसने अपने हीरोइज्म को क़ायम रखा।
वक़्त गुजरता गया और वो एक सशक्त हीरो बनता चला गया। हर इंसान के जीवन में कुछ ऐसे पल आते हैं जो असहनीय और पीड़ादायक होते हैं, जिसे हम बुरा वक़्त कहना उचित समझते हैं और उस बुरे वक़्त में उस हीरो को एक स्वाभाविक सा एहसास होता है की वो हीरो नही वो तो विलेन है, लेकिन वो उस वक़्त भी हीरो ही था बेशक़ उस वक़्त उसे इस बात हा एहसास न था। वो अपने बुरे वक़्त में भी अपने व्यक्तित्व को महानता की तरफ बढ़ाये हुए था।
एक समय ऐसा भी आया जब बुरे वक़्त का दौर गुजर चला तब उसे इस बात का एहसास हुआ की वो तो अपने बुरे वक़्त में भी हीरो था।
अब सवाल यह है कि वो हीरो क्यों है, और क्या वो आगे भी हीरो रहेगा?
इसका जवाब वो खुद है।
वो एक अच्छा बेटा, एक अच्छा भाई, एक अच्छा मित्र है और जब वो हर रिश्ते को अपने महान व्यक्तित्व से खूबसूरत बनाये हुऐ है और उस पर ईश्वरीय शक्ति का साया है तो निःसंदेह वह भविष्य में भी वह अपने हिरोइज्म को क़ायम रखेगा और वह कही भी रहे, कुछ भी करे वो हमारा हीरो था और हमारा हीरो रहेगा।
@दिव्यमान यती@
U strong growing bro.
ReplyDeleteThank you bro..
ReplyDelete