Anek Movie Review : आयुष्मान खुराना ( Ayushmann Khurrana ) की फिल्म 'अनेक' ( Anek ) सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म का ट्रेलर जब रिलीज हुआ था तब अधिकतर दर्शक इसे लेकर उत्साहित थे. इसकी कुछ वजहें थीं, एक तो आयुष्मान खुराना का लुक और दूसरा अनुभव सिन्हा के द्वारा चुना गया नया विषय. इस बार अनुभव सिन्हा ( Anubhav Sinha ) ने नॉर्थ ईस्ट की समस्याओं और वहां के लोगों के साथ होने वाले भेदभाव पर फिल्म बनाई. जब ट्रेलर ( Anek Movie Trailer ) रिलीज हुआ था तब मैंने इसे एक ज़रूरी फिल्म बताया था क्योंकि विषय ऐसा था जिसे मुख्यधारा में लाया जाना चाहिए था. फिल्म देखने के बाद एहसास हुआ कि एक जरूरी फिल्म में गैरजरूरी ट्रीटमेंट ने सब कबाड़ा कर दिया गया. फिल्म जो भी, जितना भी कहना चाहती थी, उसने कहने की भरसक कोशिश की है लेकिन उसकी कोशिश कामयाब नहीं होती. 'अनेक' अपनी अधूरी बातों से फैसला सुनाने की नाकाम कोशिश करती है. सरकार और बागियों के बीच के जंग की कहानी आइए पहले कहानी की बात करते हैं फिल्म में आयुष्मान खुराना एक स्पेशल एजेंट बने हैं, जिसका नाम अमन है. वो सरकार की नॉर्थ ईस्ट में शां...
अभी नया हूँ, पुराना तो होने दो, दौर मेरा भी आएगा, दीवाना तो होने दो।