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Showing posts from June, 2022

Suzhal : The Vortex Review : समय-समय पर अपने सस्पेंस-थ्रिल की वजह से चौंकाती है ये सीरीज

Suzhal : The Vortex Review : अमेजन प्राइम वीडियो ( Amazon Prime Video ) पर 17 जून से तमिल क्राइम थ्रिलर सीरीज 'सूड़ल' स्ट्रीम हो रही है. इस सीरीज को लिखा और डायरेक्ट किया है पुष्कर और गायत्री ने. ये दोनों इससे पहले तमिल में 'विक्रम वेधा' ( Vikram Vedha ) जैसी सुपरहिट फिल्म बना चुके हैं. जिसके हिंदी रीमेक में 'ऋतिक रोशन' और 'सैफ अली  खान' नजर आने वाले हैं. इस विवाहित जोड़ी ने अब सीरीज की तरफ रुख किया है. ' Suzhal ' की कहानी में कई उतार-चढ़ाव हैं. ये एक रहस्यमयी गांव की कहानी है, जहां 'मयान कोल्लई' के त्योहार का माहौल है. एक दिन उस गांव की फैक्ट्री में भीषण आग लग जाती है और उसी रात फैक्ट्री के मजदूर यूनियन के लीडर की बेटी भी गायब हो जाती है. पुलिस जो फैक्ट्री मालिक की हितैषी है वो फैक्ट्री में लगी आग की इन्वेस्टिगेशन करने लगती है लेकिन लड़की के गायब होने की खबर और मजदूरों के दबाव के कारण इन्वेस्टिगेशन का रुख गायब लड़की के केस की तरफ मुड़ जाता है. लड़की की तलाश शुरू हो जाती है जिसके बाद एक-एक करके कई बड़े राज सामने आने लगते हैं.  धीमी शुरुआत के बाद

Vikram Movie Review : लोकेश कनगराज के क्राइम यूनिवर्स में 'विक्रम' आपका स्वागत करता है

Vikram Movie Review : एक ही दिन तीन बड़ी फिल्मों के रिलीज होने पर मामला पेचीदा हो जाता है. कौन सी फिल्म पहले देखी जाए कौन सी बाद में समझ नहीं आता. थोड़ी देर से ही सही आखिरकार 'सम्राट पृथ्वीराज' ( Samrat Prithviraj ) और 'मेजर' के बाद तीसरी रिलीज फिल्म 'विक्रम' ( Vikram Movie ) का नंबर आ ही गया. फिल्म देख ली गई है और इसी का रिव्यू लेकर हाजिर हुए हैं. ये एक तमिल फिल्म है जिसे हिंदी में भी सिनेमाघरों में रिलीज किया गया है. इसकी हिंदी बेल्ट में मार्केटिंग बहुत साधारण तरीके से हुई. कुछेक जगहों पर कमल हासन ( Kamal Haasan ) खुद जाकर इसका प्रमोशन करते नजर आए. रिलीज के पहले हिंदी में इसका इतना क्रेज नहीं था लेकिन जैसे ही ये रिलीज हुई ये बाकी दो फिल्मों से ज्यादा चर्चा में आ गई. ऐसा क्यों हुआ? इसका कई कारण हैं जो आपको इस रिव्यू के माध्यम से पता चल जाएगा. तो पहले रिव्यू की तरफ आते हैं. कहानी में ड्रग्स का एंगल मुख्य है फिल्म की कहानी की शुरुआत में एक-एक बाद एक कई हत्याएं होती हैं. मारे गए लोगों में अधिकतर पुलिस डिपार्टमेंट के लोग हैं. इन हत्याओं के पीछे कोई नकाबपोश गैंग है.

Jana Gana Mana Movie Review : पॉलिटिकल ड्रामा में सस्पेंस और थ्रिल का तड़का

Jana Gana Mana Movie Review : 2 जून को रात बारह बजे पृथ्वीराज सुकुमारन ( Prithviraj Sukumaran ) की मलयालम फिल्म 'जन गण मन' ( Jana Gana Mana Movie ) स्ट्रीम होनी शुरू हो गई और मैंने बिना वक़्त गंवाए देखना शुरू कर दिया. पिछले 2-3 सालों से क्षेत्रीय भाषा खासकर मलयालम भाषा ( Malayalam Movie ) की फिल्मों के प्रति में रुचि बढ़ी है. इसी का असर था जिसकी वजह से इस फिल्म को लेकर अवेयर था. खैर! फिल्म शुरू हुई, शुरुआत होती है एक दर्दनाक हत्या से. एक यूनिवर्सिटी की महिला प्रोफेसर सबा (ममता मोहनदास) को सड़क के किनारे कुछ लोग जिंदा जला देते हैं. जिसके बाद उस प्रोफेसर की यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स हंगामा शुरू देते हैं. पुलिस वर्सेज स्टूडेंट्स वाला मामला हो जाता है. पुलिस कॉलेज कैंपस में घुस कर स्टूडेंट्स को मारती है. इस घटना पर सोशल मीडिया-मीडिया में हंगामा होता है. दबाव में मर्डर के इन्वेस्टिगेशन शुरू हो जाती है. सस्पेंस और थ्रिल का भरपूर डोज है फिल्म में इस इन्वेस्टिगेशन के लिए एसीपी सज्जन कुमार (सूरज वेंजरामुदु) को बुलाया जाता है. इंटरवल तक यही इन्वेस्टिगेशन का पार्ट चलता है. सबा के हत्या और