जिसे ज़हर विरासत में मिली, जिसने जहर की खेती की, जिसने ज़हर का कारोबार पूरी शिद्दत से की, उस शख्स से अमृत के एक बूँद की उम्मीद थोड़ी बेईमानी सी लगती है। आपको ये पता होगा जब अमृत की धारा बहती है तब ज़हर बस इंतज़ार में रहता है, उसे कब मौका मिले अमृत में घुल जाने का। पर ज़हर को अमृत की ख़ूबी का अंदाजा नहीं अमृत की एक बूँद ज़हर के असर को ख़त्म कर सकती है। "तुम ज़हर की कितनी भी खेती कर लो, अमृत रूपी बारिश जब होगी तुम्हारे सारे ज़हर को अमृत में मिल के नष्ट हो जाना है।" #अमृतधारा #beingrealhuman
अभी नया हूँ, पुराना तो होने दो, दौर मेरा भी आएगा, दीवाना तो होने दो।