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Showing posts from December, 2016
मेरे घर के सामने ईश्वर का घर, कभी हम उन्हें निहारें, कभी वो हमें।

ख़्याल

जब ख़्यालो की मौत होती है, तब कोई मातम मनाने को साथ नहीं होता है। लेकिन ये तो ख़्यालो की ख़ूबी है, जितनी जल्दी ख़्यालो की मौत होती है, उतनी ही जल्दी नए ख़्याल पैदा भी होते हैं।

मेरे कश्मीर तू मेरा है।

आग लगी है इन खूबसूरत वादियों में, कुछ नासमझों ने घी भी डाला हैl कश्मीर की आब-ओ-हवा में जहर मिलाने वालो, ख़ुदा का एक नेक पैग़ाम तुम्हारे लिए आया है। नफ़रत का पैग़ाम तुम्हारा दो पल का मेहमान है, मोहब्बत का साया ख़ुदा ने इस कश्मीर पर फ़ैलाया है। ये हमारे कश्मीर के लिये, ये हमारे कश्मीरी भाइयों के लिये। आपकी हर तक़लीफ़ हमारी है, हर दर्द हमारा है। मेरे कश्मीर तू मेरा है, तेरी रूह भी मेरी है, तो तेरी ख़ुशी भी मेरी है और तेरा ग़म भी मेरा है। तू तो कल भी मेरा था, आज भी मेरा है। #kashmir
अब परवाह नहीं की मै दिखता कैसा हूँ, मेरे ख्याल ही काफी है लोगो को दीवाना बनाने के लिये।                                                @दिव्यमान यती@

@@@हीरो@@@

हीरो:- कुछ लोगों को हालात हीरो बना देते हैं और कुछ लोग बचपन से ही हीरो होते हैं। एक हीरो जो बचपन से ही हीरो था। वो अपने परिवार, अपने सगे-संबंधियों का हीरो था और वो जैसे-जैसे बड़ा हुआ उसने अपने हीरोइज्म को क़ायम रखा। वक़्त गुजरता गया और वो एक सशक्त हीरो बनता चला गया। हर इंसान के जीवन में कुछ ऐसे पल आते हैं जो असहनीय और पीड़ादायक होते हैं, जिसे हम बुरा वक़्त कहना उचित समझते हैं और उस बुरे वक़्त में उस हीरो को एक स्वाभाविक सा एहसास होता है की वो हीरो नही वो तो विलेन है, लेकिन वो उस वक़्त भी हीरो ही था बेशक़ उस वक़्त उसे इस बात हा एहसास न था। वो अपने बुरे वक़्त में भी अपने व्यक्तित्व को महानता की तरफ बढ़ाये हुए था। एक समय ऐसा भी आया जब बुरे वक़्त का दौर गुजर चला तब उसे इस बात का एहसास हुआ की वो तो अपने बुरे वक़्त में भी हीरो था। अब सवाल यह है कि वो हीरो क्यों है, और क्या वो आगे भी हीरो रहेगा? इसका जवाब वो खुद है। वो एक अच्छा बेटा, एक अच्छा भाई, एक अच्छा मित्र है और जब वो हर रिश्ते को अपने महान व्यक्तित्व से खूबसूरत बनाये हुऐ है और उस पर ईश्वरीय शक्ति का साया है तो निःसंदेह वह भविष्य में भी वह अप

@चाहत@

आज किसी के आने की आहट आयी है, क्या ये वही है जिसकी मुझे तलाश थी, उनकी मौजूदगी ने मुझे सुकून-ए-एहसास दिया है, अब चाहत उन्हें हर वक़्त जीने की है। अपने वक़्त का थोड़ा हिस्सा उन्हें देने की चाहत है, उन्हें खुद के करीब लाने की चाहत है, उनकी ख़्वाबों में आने की भी चाहत है।