वो सुबह-सुबह उठकर लोटे में पानी लिए कच्ची-पक्की, मोटी-पतली पगडण्डी से होते हुए अपने परम मित्रों के साथ दूर सरेह (जहाँ दूर-दूर तक खेत हों) में एडवेंचरस शौच के लिए जाना अब इतिहास की बातें हो गयी। खुले में शौच की पुरानी दास्ताँ अपने आने वाली पीढ़ी को सुनाया जायेगा क्योंकि हमारा वो एडवेंचर इस समाज के लिए हानिकारक था। #खुले_में_शौच #स्वच्छ_गाँव #दिव्य
अभी नया हूँ, पुराना तो होने दो, दौर मेरा भी आएगा, दीवाना तो होने दो।