तीन तलाक़ या एक मज़ाक। एक बार एक मुस्लिम महिला के पति ने उनको तलाक़ दे दिया। वो महिला अपने दिल में कसक लिये कि क्या वज़ह थी जो मेरे मोहब्बत के रिश्ते को एक पल में तोड़ दिया गया, वो अपने बच्चों के साथ अपने पति का घर छोड़ के चली गयी। उनके बच्चे ने अपने पिता से पूछा," अब्बु आखिर क्यों आप मेरी माँ को छोड़ रहे हो, आप ये ठीक नहीं कर रहे हो, ये इंसानियत नहीं है। यही बच्चा जब बड़ा हो गया तो उसने वही कहानी दोहराई जो उसके पिता ने किया था। तो क्या वो बच्चा अपनी माँ का दर्द भूल गया? अब इस सवाल का जवाब वो बच्चा ही दे पायेगा जो अब बड़ा हो गया है। #सोचनीय नोट- ये मेरी सोच है हो सकता है आप इससे इत्तेफ़ाक़ न रखते हों। - दिव्यमान यती
अभी नया हूँ, पुराना तो होने दो, दौर मेरा भी आएगा, दीवाना तो होने दो।